Wednesday, June 25, 2025
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अपने ही पालतू जर्मन शेफर्ड की जानलेवा हमले में बुजुर्ग महिला की मौत, इलाके में दहशत

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- शहर के पॉश इलाके विकास नगर में रविवार को एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना घटी। 80 वर्षीय मोहनी देवी को उनके अपने ही पालतू जर्मन शेफर्ड कुत्ते ने नोच-नोचकर मार डाला। जिस कुत्ते को वह अपने बच्चे की तरह पालती थीं, उसी ने उनकी मौत का कारण बनकर पूरे इलाके में दहशत फैला दी।

मामला कानपुर का है जहां रविवार को दोपहर करीब 3 बजे मोहनी देवी रोज की तरह अपने घर के आंगन में टहल रही थीं। उनके परिवार के बाकी सदस्य अपने-अपने कमरों में थे। तभी अचानक कुत्ता हिंसक हो उठा और मोहनी देवी पर झपट पड़ा।

पहले तो परिवार के सदस्यों को लगा कि कुत्ता किसी बाहरी व्यक्ति पर भौंक रहा है, लेकिन जब मोहनी देवी की चीखें गूंजने लगीं, तो घर के लोग घबराकर बाहर भागे। बाहर पहुंचते ही उन्होंने देखा कि कुत्ता मोहनी देवी पर लगातार हमला कर रहा था।

परिवार ने कुत्ते को भगाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह इतनी बुरी तरह गुस्से में था कि किसी को पास नहीं आने दे रहा था। जब तक लोग कुछ कर पाते, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

चेहरे और पेट पर कई खतरनाक वार, मौके पर ही मौत

कुत्ते ने महिला के चेहरे और पेट पर कई खतरनाक वार किए। उनके शरीर से खून की धार बह रही थी और उनकी हालत बेहद गंभीर हो चुकी थी। घरवालों ने फौरन एम्बुलेंस को बुलाने की कोशिश की, लेकिन मोहनी देवी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

इस दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे मोहल्ले को सहमने पर मजबूर कर दिया। मोहनी देवी की कराहती आवाजें और खून से सना हुआ आंगन देखकर लोग कांप उठे।

नगर निगम और पुलिस ने कुत्ते को काबू किया

घटना की सूचना मिलते ही क्षेत्रीय पार्षद राज किशोर यादव मौके पर पहुंचे और तुरंत रावतपुर थाना पुलिस और नगर निगम की टीम को बुलाया गया।

कुत्ते को काबू करने के लिए नगर निगम की टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी। वह अभी भी हिंसक बना हुआ था और किसी को पास नहीं आने दे रहा था। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद, टीम ने उसे बेहोश करने का इंजेक्शन दिया और काबू में लेकर अपने साथ ले गई।

जिसे बच्चे की तरह रखा, उसी ने छीन ली जान

मोहनी देवी अपने पालतू कुत्ते को बहुत प्यार करती थीं। वह उसके खाने-पीने, स्वास्थ्य और देखभाल का पूरा ध्यान रखती थीं। घर के लोग बताते हैं कि वह कुत्ते से इस कदर जुड़ी थीं कि उसे अपने बच्चों की तरह पालती थीं।

उनकी हर सुबह और शाम उसी के साथ गुजरती थी। यहां तक कि घर के अन्य सदस्य कभी-कभी कुत्ते से दूर रहते थे, लेकिन मोहनी देवी उसे पूरी तरह अपनापन और स्नेह देती थीं।

लेकिन उसी कुत्ते ने उनकी दर्दनाक मौत का कारण बनकर सभी को झकझोर कर रख दिया।

इलाके में डर का माहौल, पालतू कुत्तों की सुरक्षा पर सवाल

इस दर्दनाक हादसे के बाद पूरे इलाके में डर और चिंता का माहौल है। लोगों के मन में यह सवाल उठने लगा है कि क्या पालतू कुत्ते वाकई सुरक्षित हैं?

विशेष रूप से हिंसक नस्लों के कुत्तों को पालना कितना सही है? यह बहस अब पूरे इलाके में गर्म हो गई है।

एक पड़ोसी ने कहा,
“हमने हमेशा सुना था कि पालतू कुत्ते वफादार होते हैं, लेकिन यह घटना साबित करती है कि जंगली स्वभाव कभी भी जाग सकता है। अब लोग अपने घरों में मौजूद पालतू कुत्तों को लेकर सतर्क हो गए हैं।”

क्या कुत्ता बीमार था या उत्तेजित हो गया था? पुलिस कर रही जांच

पुलिस इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है।

क्या कुत्ता किसी बीमारी से पीड़ित था?

क्या उसे मानसिक तनाव था?

क्या कोई ऐसी वजह थी, जिसने उसे अचानक आक्रामक बना दिया?

क्या उसे सही ट्रेनिंग नहीं दी गई थी?

इन सभी सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं।

क्षेत्रीय पार्षद राज किशोर यादव ने कहा,
“यह घटना बहुत ही दर्दनाक और चौंकाने वाली है। हमें सोचना होगा कि क्या बिना उचित ट्रेनिंग के ऐसे कुत्तों को पालना सही है? पालतू जानवरों की देखभाल को लेकर अब सतर्कता बरतनी होगी।”

विशेषज्ञों की राय: पालतू कुत्तों के मालिकों को सतर्क रहने की जरूरत

विशेषज्ञों का कहना है कि बड़े और शक्तिशाली नस्लों के कुत्तों को प्रशिक्षित करना बेहद जरूरी है।

✅ कुत्तों को शुरुआती दिनों से ही ट्रेनिंग देना जरूरी है।
✅ अगर कुत्ते में अचानक आक्रामकता दिखे, तो तुरंत पशु चिकित्सक से सलाह लें।
✅ बड़े और शक्तिशाली कुत्तों को बिना निगरानी अकेले न छोड़ें।
✅ अगर कुत्ता अचानक हिंसक हो जाए, तो उसकी गतिविधियों पर नजर रखें और सावधानी बरतें।

निष्कर्ष: पालतू कुत्तों की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल

मोहनी देवी की दर्दनाक मौत ने पालतू कुत्तों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

✅ क्या बिना ट्रेनिंग के हिंसक नस्ल के कुत्तों को पालना सही है?
✅ क्या सरकार को इस पर सख्त नियम बनाने चाहिए?
✅ क्या पालतू कुत्तों की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है?

यह घटना न सिर्फ कानपुर, बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है कि पालतू जानवरों को सही ट्रेनिंग और देखभाल की जरूरत होती है। अन्यथा, वे भी घातक साबित हो सकते हैं।

रिपोर्ट: खबर पड़ताल टीम

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