तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले के अब्दुल्लापुरमेट मंडल के कोहेड़ा गांव में तीन युवाओं की अलग-अलग आत्महत्या ने पूरे गांव में सनसनी फैला दी है। तीनों एक ही गांव के रहने वाले थे और छठी से दसवीं कक्षा तक साथ पढ़ चुके थे।
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पुलिस के अनुसार, 18 वर्षीय गर्या वैष्णवी मंगलवार शाम को पेट में दर्द के कारण अस्पताल ले जाए जाने वाली थी। वैष्णवी ने अपने माता-पिता से कहा कि वह नहाने जा रही है और बेडरूम में दरवाजा बंद कर लिया। जब काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला, तो परिवार ने दरवाजा तोड़ा और अंदर वैष्णवी को पंखे से लटकी पाया। इस घटना से परिवार और गांव में मातम छा गया।
इसके अगले ही दिन, वैष्णवी के सहपाठी 21 वर्षीय सताली राकेश ने अपने घर के पास एक बंद कमरे में चादर ओढ़कर सोने का नाटक किया। सुबह जब उसकी मां झाड़ू लगा रही थीं और कमरे की ओर गईं, तो उन्होंने राकेश को फांसी पर लटका पाया। बड़े भाई वेंकटेश ने उसे नीचे उतारा, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
गांव के ही एक अन्य निवासी, बुद्ध नरसिम्हा की 18 वर्षीय बेटी श्रीजा, जो वैष्णवी और राकेश के साथ दसवीं तक पढ़ी थी, गुरुवार सुबह घर में फांसी पर लटकी मिली। यह घटना पूरे इलाके में शोक की लहर फैला गई।
स्थानीय लोग मान रहे हैं कि तीनों की आत्महत्याओं का कारण आपसी दोस्ती और एक-दूसरे की मौत को बर्दाश्त न कर पाना हो सकता है। हयात नगर थाने के इंस्पेक्टर नागराजू गौड़ ने बताया कि तीनों आत्महत्याओं के कारणों की जांच की जा रही है और आवश्यक साक्ष्यों का संकलन किया जा रहा है।





