नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में भारत पहली बार मोबाइल ऐप के ज़रिए मतदान की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। यह सुविधा उन मतदाताओं के लिए शुरू की जा रही है जो किसी कारणवश मतदान केंद्र तक नहीं पहुंच सकते। इस नई व्यवस्था के तहत कुछ खास वर्ग के लोग अपने स्मार्टफोन से घर बैठे वोट डाल सकेंगे।
किन मतदाताओं को मिलेगा मोबाइल वोटिंग का लाभ?
चुनाव आयोग के अनुसार, वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांगजन, गर्भवती महिलाएं, और अन्य राज्यों में निवास कर रहे वोटर इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। इसके लिए मतदाता को पहले आधिकारिक मोबाइल ऐप डाउनलोड कर उसमें खुद को रजिस्टर करना होगा।
कैसे करें मोबाइल ऐप से वोट?
ऑनलाइन वोटिंग के लिए मतदाता को E-SECBHR नामक ऐप अपने एंड्रॉयड फोन में इंस्टॉल करना होगा। यह ऐप C-DAC द्वारा विकसित किया गया है। इसके अतिरिक्त, बिहार चुनाव आयोग ने भी एक अलग ऐप जारी किया है। ऐप इंस्टॉल करने के बाद, मतदाता को अपना वोटर ID नंबर लिंक कर पहचान सत्यापित करनी होगी।
ऐप की सुरक्षा को लेकर क्या कहता है चुनाव आयोग?
इस तकनीक को लेकर लोगों के मन में जो सबसे बड़ा सवाल है, वह है — क्या यह प्रणाली सुरक्षित है? चुनाव आयोग ने भरोसा दिलाया है कि इस डिजिटल वोटिंग ऐप में सुरक्षा के कई स्तर हैं:
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एक मोबाइल नंबर से अधिकतम दो रजिस्टर्ड मतदाता ही लॉगिन कर पाएंगे।
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मतदाता की पहचान वोटर ID, फेस स्कैनिंग, और फेस मैचिंग तकनीकों से सत्यापित की जाएगी।
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ब्लॉकचेन तकनीक के जरिए वोट को पूरी तरह से सुरक्षित और छेड़छाड़-रहित रखा जाएगा।
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वोटिंग के हर चरण का रिकॉर्ड ऑडिट ट्रेल के रूप में सुरक्षित किया जाएगा, जैसे ईवीएम में VVPAT होता है।
कितने लोग अब तक जुड़ चुके हैं?
चुनाव आयोग के अनुसार, अब तक करीब 10,000 मतदाता मोबाइल वोटिंग के लिए रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं, और अनुमान है कि 50,000 से ज्यादा मतदाता इस विकल्प को अपनाएंगे।