Saturday, June 28, 2025
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नोएडा वृद्धाश्रम में अमानवीयता की हदें पार: बुजुर्ग ताले में बंद, हाथ बंधे, कपड़े मल-मूत्र से सने, छापेमारी में खुला सच

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नोएडा के सेक्टर-55 स्थित आनंद निकेतन वृद्ध सेवा आश्रम से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां रह रहे बुजुर्गों के साथ जिस तरह का अमानवीय व्यवहार किया जा रहा था, उसे देखकर छापा मारने गई टीम भी दंग रह गई। पहले ही अपनों से बिछड़ने का गम झेल रहे इन बुजुर्गों की ज़िंदगी को जैसे नरक बना दिया गया था।

वायरल वीडियो के बाद खुला मामला

इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब आश्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें एक बुजुर्ग महिला को कपड़ों से बांधकर एक कमरे में बंद दिखाया गया था। यह वीडियो लखनऊ स्थित समाज कल्याण विभाग तक पहुंचा, जिसके बाद तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इसके बाद राज्य महिला आयोग, नोएडा पुलिस, समाज कल्याण विभाग और जिला प्रोबेशन विभाग की संयुक्त टीम ने गुरुवार को आश्रम पर छापा मारा।

तहखानों में बंद, कपड़ों से बंधे मिले बुजुर्ग

छापेमारी के दौरान अंदर का नज़ारा बेहद भयावह था। टीम को यहां 39 बुजुर्ग बेहद दयनीय हालत में मिले, जिन्हें अब सरकारी वृद्धाश्रम में शिफ्ट किया जा रहा है। एक बुजुर्ग महिला को कपड़ों से बांधकर कमरे में बंद किया गया था, जबकि पुरुषों को तहखाने जैसे अंधेरे कमरों में ताले लगाकर रखा गया था।

राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला ने बताया कि जब टीम अंदर पहुंची, तो बुजुर्गों के पास ढंग के कपड़े तक नहीं थे। महिलाएं आधे-अधूरे कपड़ों में थीं और पुरुषों के कपड़े मल-मूत्र से सने हुए थे। कुछ बुजुर्ग खुद ही अपना खाना बना रहे थे क्योंकि देखभाल के लिए कोई स्टाफ मौजूद नहीं था।

‘नर्स’ निकली 12वीं पास

आश्रम में एक महिला खुद को नर्स बता रही थी, लेकिन पूछताछ में पता चला कि वह केवल 12वीं तक पढ़ी हुई है। यानी बुजुर्गों की देखभाल के लिए कोई प्रशिक्षित व्यक्ति वहां नहीं था।

लाखों रुपये में मिलती थी जगह, पर सुविधाएं नदारद

जानकारी के मुताबिक, इस आश्रम में बुजुर्गों को रखने के लिए 2.5 लाख रुपये तक की डोनेशन ली जाती थी, साथ ही हर महीने 6,000 रुपये का शुल्क भी वसूला जाता था। हैरानी की बात ये है कि यहां रह रहे कई बुजुर्ग अमीर परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। जब उनके परिजनों से बात की गई तो उन्होंने सब कुछ ठीक होने का दावा किया।

सरकारी आश्रय में दी जाएगी शरण

रेस्क्यू किए गए सभी बुजुर्गों को दो-तीन दिनों में सरकारी ओल्ड एज होम में शिफ्ट किया जाएगा। जिला प्रशासन और महिला आयोग ने मामले की गंभीर जांच शुरू कर दी है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी है।

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