कर्नल सोफिया कुरैशी: भारतीय सेना की शेरनी, जिन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से रचा इतिहास
नई दिल्ली, 7 मई 2025: भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की सटीक कार्रवाई के बाद, कर्नल सोफिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मिशन की पूरी जानकारी साझा की। उनकी बेबाकी, आत्मविश्वास और देशभक्ति ने न केवल देशवासियों का दिल जीता, बल्कि दुनिया को भारत की नारी शक्ति का परिचय भी कराया।
कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी?
गुजरात के वडोदरा की रहने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना के सिग्नल कोर में एक प्रतिष्ठित अधिकारी हैं। उन्होंने बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और 1999 में मात्र 17 वर्ष की आयु में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी, चेन्नई के माध्यम से सेना में कमीशन प्राप्त किया। उनके परिवार का सैन्य पृष्ठभूमि से गहरा नाता है; उनके दादा और पिता दोनों सेना से जुड़े थे। सोफिया ने मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से विवाह किया, जो मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री में कार्यरत हैं।
ऐतिहासिक उपलब्धियाँ
कर्नल सोफिया ने अपने करियर में कई मील के पत्थर स्थापित किए हैं। 2016 में, उन्होंने पुणे में आयोजित ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ नामक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय दल का नेतृत्व किया, जिससे वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला अधिकारी बनीं। इस अभ्यास में 18 देशों ने हिस्सा लिया था। इसके अलावा, 2006 में उन्होंने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में काम किया, जहाँ उन्होंने युद्धविराम की निगरानी और मानवीय कार्यों में योगदान दिया।
उन्हें पंजाब सीमा पर ‘ऑपरेशन पराक्रम’ के दौरान उत्कृष्ट सेवा के लिए जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (GOC-in-C) का प्रशंसा पत्र और पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ राहत कार्यों के लिए सिग्नल ऑफिसर-इन-चीफ (SO-in-C) का प्रशंसा पत्र भी मिला है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और कर्नल सोफिया की भूमिका
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकियों ने पर्यटकों पर क्रूर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक की जान गई। इस हमले का जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसके तहत 6-7 मई की रात पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। इनमें जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर स्थित मुख्यालय और लश्कर-ए-तैयबा का मुरीदके स्थित ठिकाना शामिल थे।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस ऑपरेशन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर की गई और इसका उद्देश्य पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाना था। उन्होंने वीडियो फुटेज के माध्यम से नष्ट किए गए आतंकी ठिकानों को दिखाया, जिसमें मुजफ्फराबाद का सवाई नाला कैंप और सियालकोट का महमूना जोया कैंप शामिल थे।
सोफिया ने स्पष्ट किया कि इस ऑपरेशन में किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया और आम नागरिकों को नुकसान न हो, इसका विशेष ध्यान रखा गया।
सोशल मीडिया पर वायरल
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। एक यूजर ने लिखा, “जिन आतंकियों को धर्म पूछने का शौक है, वो कर्नल सोफिया कुरैशी से उनका धर्म पूछकर दिखाएं!” एक अन्य यूजर ने उन्हें “वतन की शेरनी” करार दिया, जो देश की रक्षा के लिए हर पल तैयार रहती हैं। उनकी देशभक्ति और साहस को सलाम करते हुए लोग उन्हें भारतीय मुसलमानों की सच्ची तस्वीर बता रहे हैं।
देश को संदेश
कर्नल सोफिया कुरैशी ने न केवल अपनी बहादुरी से आतंकियों को करारा जवाब दिया, बल्कि यह भी साबित किया कि भारत की नारी शक्ति किसी से कम नहीं है। उनकी अगुवाई में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और हर हमले का मुंहतोड़ जवाब देगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऑपरेशन की बारीकी से निगरानी की और इसे “पहलगाम हमले के पीड़ितों के लिए न्याय” करार दिया। कर्नल सोफिया कुरैशी आज हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।