उधम सिंह नगर, उत्तराखंड, 18 अगस्त 2025 – उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में पंचायत चुनावों के बाद प्रशासन ने प्राग फार्म की 1914 एकड़ जमीन पर कब्जा करने की महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। यह कार्रवाई अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) कौस्तुभ मिश्रा के नेतृत्व में 13 अगस्त 2025 को उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा प्राग फार्म की विशेष अपील खारिज किए जाने के बाद की गई। इस कदम को सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि माना जा रहा है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
1933 में, ब्रिटिश सरकार ने प्राग नारायण अग्रवाल को किच्छा तहसील के 12 गांवों में फैली 5193 एकड़ जमीन 99 साल की लीज पर दी थी। 1966 में गवर्नमेंट एस्टेट ठेकेदारी अबोलिशन एक्ट के तहत लीज रद्द होने के बावजूद, प्राग फार्म ने इस जमीन पर अपना दावा बनाए रखा। 2014 में, प्रशासन ने 1972 एकड़ जमीन पर कब्जा लिया था, और अब शेष 1914 एकड़ जमीन को सरकारी नियंत्रण में लाया गया है।
कार्रवाई का विवरण
एडीएम कौस्तुभ मिश्रा के कुशल नेतृत्व में, प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने किच्छा तहसील में प्राग फार्म की जमीन पर पिलर लगाए और “यह जमीन सरकारी है” के बोर्ड स्थापित किए। प्राग फार्म के मुख्य द्वार पर नोटिस चस्पा कर अवैध कब्जे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई। मिश्रा की रणनीतिक योजना और कानूनी विशेषज्ञता ने सुनिश्चित किया कि यह कार्रवाई बिना किसी व्यवधान के पूरी हो।
- प्रमुख बिंदु:
- कानूनी आधार: हाईकोर्ट के 13 अगस्त 2025 के फैसले ने प्रशासन को कार्रवाई का स्पष्ट अधिकार प्रदान किया।
- सुरक्षा व्यवस्था: किसी भी संभावित विरोध को रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया।
- प्रशासनिक दक्षता: मिश्रा के नेतृत्व में जमीन की पैमाइश और सीमांकन कर इसे सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया गया।
एडीएम कौस्तुभ मिश्रा का योगदान इस कार्रवाई की सफलता का आधार रहा। उनकी रणनीतिक दृष्टि, कानूनी समझ, और समन्वय कौशल ने इस जटिल मामले को प्रभावी ढंग से हल किया। मिश्रा ने राजस्व विभाग और अन्य हितधारकों के बीच समन्वय स्थापित कर यह सुनिश्चित किया कि कार्रवाई कानून के दायरे में और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो। उनकी सक्रियता ने स्थानीय समुदाय में प्रशासन के प्रति विश्वास को और मजबूत किया।

तहसीलदार ने की मुनादी
प्राग फार्म की 1914 एकड़ जमीन पर पिलर लगाने के बाद एडीएम कौस्तुभ मिश्रा के नेतृत्व में प्रशासन की टीम प्राग फार्म के गेट पर पहुंची. जहां उन्होंने गेट पर आदेश के पोस्टर चस्पा किये, और इसके बाद बाहर एक बोर्ड लगाया जिसमें लिखा था कि ये जमीन राज्य सरकार की हैं. इस दौरान तहसीलदार गिरीशचंद्र त्रिपाठी ने मुनादी की.
प्रभाव और भविष्य
यह कार्रवाई सरकारी जमीन की रक्षा और प्रशासनिक दक्षता के लिए एक मिसाल है। 1914 एकड़ जमीन का सरकारी नियंत्रण में आना किच्छा तहसील के 12 गांवों के लिए भविष्य में विकास परियोजनाओं, जैसे कृषि या सामुदायिक कार्यों, के लिए नए अवसर खोलेगा। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस जमीन पर किसी भी अवैध कब्जे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
एडीएम कौस्तुभ मिश्रा ने कहा, “यह कार्रवाई सरकारी संपत्ति की रक्षा और कानून के शासन को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारी प्राथमिकता है कि जनहित में ऐसी संपत्तियों का उचित उपयोग हो।”