Monday, December 22, 2025
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चारधाम यात्रा में रील्स और ब्लॉगिंग बैन, सरकार का सख्त फरमान – उल्लंघन पर होगी कार्रवाई!

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम सहित सभी धामों में रील्स, वीडियो और ब्लॉगिंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। सरकार का कहना है कि धार्मिक आस्था और भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।

केदारनाथ धाम में रील्स पर सख्ती

केदारनाथ धाम परिसर में हर साल बड़ी संख्या में यू-ट्यूबर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स पहुंचते हैं, जो वीडियो और रील्स बनाकर वायरल कर देते हैं। इससे यात्रा के दौरान अव्यवस्था फैलती है और श्रद्धालुओं को असुविधा होती है। इसको देखते हुए तीर्थ पुरोहित समाज और चारधाम महा पंचायत ने इस पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है, सरकार ने साफ कर दिया है कि यदि कोई नियम तोड़ता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

चारधाम महा पंचायत ने किया समर्थन

चारधाम महा पंचायत ने प्रदेश के पर्यटन सचिव से मुलाकात कर यह मांग की थी कि रील्स और अन्य प्रकार के वीडियो बनाने पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। महा पंचायत ने बदरी-केदार मंदिर समिति से भी इस फैसले का समर्थन मांगा था।

वीआईपी दर्शन और ढोल-नगाड़ों पर भी रोक की मांग

केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने रील्स और वीडियो पर बैन का स्वागत किया और साथ ही मंदिर में वीआईपी दर्शन और ढोल-नगाड़ों के प्रदर्शन पर भी रोक लगाने की मांग की।

30 अप्रैल से शुरू हो रही चारधाम यात्रा

इस साल 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा की शुरुआत होगी। इस दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट खुलेंगे।

2 मई को केदारनाथ धाम और

4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे।

इसके साथ ही चारधाम यात्रा पूरे जोश के साथ शुरू हो जाएगी।

अब तक 7 लाख से ज्यादा लोग करवा चुके हैं रजिस्ट्रेशन

चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जारी है, और अब तक 7 लाख से ज्यादा श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) के अनुसार, अब तक 2 करोड़ रुपये से अधिक की बुकिंग हो चुकी है।

उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा को व्यवस्थित और श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान बनाए रखने के लिए यह सख्त कदम उठाया है। यदि कोई मंदिर परिसर में रील्स या वीडियो बनाता पाया गया, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। सरकार के इस फैसले का तीर्थ पुरोहित समाज और श्रद्धालुओं ने स्वागत किया है।

रिपोर्ट:- साक्षी सक्सेना 

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