Tuesday, August 5, 2025
Homeउत्तर प्रदेशगोवा राजभवन में सम्मानित हुए यूपी के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. हीरालाल

गोवा राजभवन में सम्मानित हुए यूपी के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. हीरालाल

Date:


नवोन्मेषी कार्यों के लिए गोवा के राज्यपाल पी.एस.श्रीधरन पिल्लई ने “इम्पैक्ट बियांड मेजर सीएसआर अवार्ड” से नवाजा

TN9ब्यूरो, पणजी/लखनऊ। सामाजिक कल्याण निदेशालय के तत्वावधान में राजभवन गोवा में आयोजित सम्मान समारोह में उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. हीरा लाल को “इम्पैक्ट बियांड मेजर सीएसआर अवार्ड” प्रदान किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि गोवा के राज्यपाल पी. एस. श्रीधरन पिल्लई और विशिष्ट अतिथि गोवा के सामाजिक कल्याण मंत्री सुभाष फल देसाई ने उन्हें इस प्रतिष्ठित अवार्ड से नवाजा।

डॉ. हीरा लाल को यह सम्मान कुशल प्रशासक के रूप में उनके द्वारा सार्वजानिक क्षेत्र में किये गए नवाचारों-विचारों और इनके सफल कार्यान्वयन तथा निरंतर समर्पित भाव से विभिन्न क्षेत्रों में आये सकारात्मक बदलावों को ध्यान में रखकर प्रदान किया गया है। समाज के प्रति उनके अतुलनीय योगदान को भी सराहा गया है, जो विकसित भारत-2047 के लक्ष्य में भी सहायक साबित होगा। इसके साथ ही सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय प्रगति की दिशा में उनके द्वारा किये गए सराहनीय कार्यों के लिए भी उन्हें इस सम्मान के लिए चुना गया है।

ज्ञात रहे कि डॉ. हीरा लाल ने बांदा जिलाधिकारी के रूप में वहां की सिंचाई और पेयजल की सबसे बड़ी समस्या को विभिन्न नवाचारों के माध्यम से दूर किया था। इस जिले में मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए भी कई नवाचार किये, जो बेहद सफल रहे। इसी तरह ग्रीन इलेक्शन, मॉडल गाँव और प्लास्टिक मुक्त समाज के निर्माण की दिशा में भी उनके द्वारा निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। पर्यावरण को बचाने के लिए डॉ. हीरा लाल “दो मां” की विचारधारा को लोगों के बीच साझा करते रहे हैं

डॉ. हीरालाल की मान्यता है कि एक मां तो हमें जन्म देती है लेकिन दूसरी धरती मां हमें पालती-पोती है धरती मां जल-जंगल और जमीन से बनी है। धरती मां और प्रकृति के संरक्षण को लेकर उनके द्वारा कई साल से व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। उनकी इन कोशिशों का धरातल पर बड़े पैमाने पर असर देखने को मिल रहा है और लोग खुद ही जल-जंगल-जमीन और जीव-जन्तुओं को बचाने के लिए आगे भी आ रहे हैं।

इसके अलावा डॉ. हीरालाल लोगों की मदद के लिए "रेड टेप” नहीं बल्कि “रेड कारपेट” में विश्वास रखते हैं। उनकी संवेदनशीलता और सहानुभूति भरी सोच की वजह से लोग उनसे जुड़कर कार्य करने में सहज महसूस करते हैं। इसीलिए वह जो भी अभियान शुरू करते हैं वह जल्द ही एक कारवाँ का रूप अख्तियार कर लेता है। डॉ. हीरा लाल के सुशासन के मन्त्र में केवल नियम-कानून ही नहीं, बल्कि रिलेशनशिप भी है। वह सुशासन के माध्यम से लोगों के बीच एक ऐसे माहौल का निर्माण करते हैं, जो कि सुशासन के लिए बहुत ही जरूरी है। इसके लिए उन्हें सरकारी और गैर सरकारी संगठनों द्वारा समय-समय पर सम्मानित भी किया जाता रहा है

Latest stories

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, दिल्ली के अस्पताल में ली अंतिम सांस

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को...