गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार रणधीर प्रसाद गौड 'धीर' ने की। मुख्य अतिथि गजेन्द्र सिंह और विशिष्ट अतिथि-राम कुमार भारद्वाज अफ़रोज़' रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ कवि-पत्रकार गणेश 'पथिक' एवं वरिष्ठ साहित्यकार रजत कुमार भी मंचासीन रहे। गोष्ठी का काव्यमय सफल संचालन संस्थाध्यक्ष राम कुमार कोली ने किया।
वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ/गायत्री परिवार की समर्पित कार्यकर्त्री और आओ गढ़ें संस्कारवान पीढ़ी की उ०प्र० की समन्वयक डॉक्टर संगीता सारस्वत ने गर्भ में ही बच्चों में संस्कार को वैज्ञानिक तरीके से समझाया। अपने अत्यधिक विचारोत्तेजक, प्रभावशाली और प्रेरणाप्रद व्याख्यान में सरल-रोचक शैली में गायत्री परिजनों को उन्होंने समझाया-अभिमन्यु की तरह ही आज के शिशु भ्रूण भी मां के गर्भ में ही संस्कार ग्रहण करने की क्षमता रखते हैं