देहरादून: उत्तराखंड में रिवर्स पलायन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है, वहीं इस मुद्दे को लेकर प्रदेश की राजनीति भी तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रिवर्स पलायन के मुद्दे पर धामी सरकार पर निशाना साधते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है।
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पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए लिखा कि सरकार रिवर्स पलायन की बातें तो कर रही है, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों को उनकी जमीन वापस देनी चाहिए, क्योंकि “आसमान लेकर लोग क्या करेंगे?”
धामी जी रिवर्स पलायन की बात करते हैं। मैं उनसे कह रहा हूँ कि उत्तराखंडवासियों को उनकी ज़मीन दे दो— वह आसमां लेकर क्या करेंगे?
रिवर्स पलायन की बात तो छोड़िए जो पलायन इस समय हो रहा है, उस पर ध्यान दीजिए। भयभीत उत्तराखंड आज अपना गाँव छोड़ रहा है, अपना घर छोड़ रहा है। गुलदार, बाघ,… pic.twitter.com/bQiyWHni0X
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 20, 2025
दरअसल, हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रिवर्स पलायन को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पलायन लंबे समय से एक बड़ी चुनौती रहा है और पिछले चार से पांच वर्षों में राज्य सरकार ने रिवर्स पलायन को प्रोत्साहित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
इसी बीच, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रिवर्स पलायन के नाम पर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए यह बयान दिया है। उनके इस बयान के बाद एक बार फिर उत्तराखंड में रिवर्स पलायन और भूमि से जुड़े मुद्दों पर राजनीतिक बहस तेज हो गई है।





