देहरादून (उत्तराखंड): आगामी नव वर्ष 2026 से उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले वाहनों पर ग्रीन सेस बढ़ा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परिवहन विभाग को इस नई व्यवस्था को जल्द से जल्द लागू करने के निर्देश दिए हैं।

जानकारी के अनुसार, नए साल से विभिन्न राज्यों से उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले वाहनों को विभिन्न श्रेणियों के अनुसार 80 रुपये से लेकर 700 रुपये तक का ग्रीन सेस चुकाना होगा। मुख्यमंत्री ने परिवहन अधिकारियों को इस योजना को 1 जनवरी 2026 से प्रभावी करने के लिए विशेष निर्देश दिए हैं।
ग्रीन सेस योजना का परिचय:
ग्रीन सेस योजना फरवरी 2024 में लागू की गई थी, लेकिन अब तक इसे पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका। इसके कारण राज्य को अनुमानित 100 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य के विकास और खनन सुधारों के लिए राजस्व बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 24,015 करोड़ रुपये का कर लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
राजस्व संग्रह और कर चोरी पर प्रभावी नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री ने प्रत्येक विभाग के उच्च अधिकारियों और जिलाधिकारियों को निगरानी बढ़ाने और AI आधारित तकनीकी का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं।
ग्रीन सेस में छूट:
कुछ वाहनों पर ग्रीन सेस लागू नहीं होगा, जिसमें शामिल हैं:
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अन्य राज्यों के दोपहिया वाहन
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केंद्र और राज्य सरकार के वाहन
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अन्य प्रदेशों के सरकारी वाहन
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ट्रैक्टर, ट्रैलर, रोड रोलर, कंबाइन हार्वेस्टर
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शव वाहन, एंबुलेंस, फायर टेंडर, और सेना के वाहन
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विद्युत बैटरी, सोलर, हाईब्रिड और सीएनजी वाहनों को भी छूट मिलेगी।
ग्रीन सेस की दरें:
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भारी वाहन (एक्सेल के अनुसार): 450 से 700 रुपये
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भारी निर्माण उपकरण वाहन: 250 रुपये
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7.5 से 18.5 टन वाहन: 250 रुपये
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3 से 7.5 टन हल्के माल वाहन: 120 रुपये
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3 टन तक की डिलीवरी वैन: 80 रुपये
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12 सीट से अधिक वाली बसें: 140 रुपये
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मोटर कैब, मैक्स कैब और पैसेंजर कार: 80 रुपये
एक बार भुगतान किया गया शुल्क पूरे दिन के लिए मान्य होगा। इसके अतिरिक्त, 20 गुना शुल्क पर तीन माह और 60 गुना शुल्क पर एक वर्ष की छूट भी प्रदान की जाएगी।





