केंद्र सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को प्रस्तुत आम बजट में इसके लिए कुछ अहम घोषणाएं की थीं।
इस बजट में वित्त मंत्री ने Udyam Portal पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए ME-Card (माइक्रो एंटरप्राइजेज कार्ड) योजना की घोषणा की। इस कार्ड की अधिकतम सीमा 5 लाख रुपये है और पहले वर्ष में 10 लाख ME-Card जारी किए जाएंगे। योजना का उद्देश्य छोटे उद्योगों को तुरंत वर्किंग कैपिटल उपलब्ध कराना और बैंकों से ऋण प्रक्रिया को सरल बनाना है।
डिजिटल भुगतान और क्रेडिट गारंटी में वृद्धि
ME-Card के माध्यम से MSME व्यवसायी व्यापारिक खर्च, इन्वेंट्री खरीद और अन्य वर्किंग कैपिटल जरूरतें पूरी कर सकेंगे। यह कार्ड डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देगा और UPI तथा नेशनल क्रेडिट गारंटी प्लेटफॉर्म से जुड़ा रहेगा। लोन स्वीकृति के दौरान बैंक अपनी आंतरिक लेंडिंग नीतियों के अनुसार प्रोसेसिंग शुल्क ले सकेंगे। इसके साथ ही क्रेडिट गारंटी कवर ₹5 करोड़ से बढ़ाकर ₹10 करोड़ कर दिया गया है, जिससे अगले पांच वर्षों में MSME सेक्टर के लिए ₹1.5 लाख करोड़ अतिरिक्त क्रेडिट उपलब्ध होने की संभावना है।
MSME निवेश और टर्नओवर की सीमा में संशोधन
एक्सपोर्ट-ओरिएंटेड MSME इकाइयों को अब ₹20 करोड़ तक के टर्म लोन की सुविधा मिलेगी, जिससे निर्यात क्षमता में वृद्धि होगी। साथ ही MSME वर्गीकरण की सीमाओं में संशोधन कर निवेश और टर्नओवर की सीमा क्रमशः 2.5 गुना और 2 गुना बढ़ा दी गई है। इसका उद्देश्य MSME इकाइयों को स्केलेबल बनाना, तकनीकी उन्नति को प्रोत्साहित करना और पूंजी तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना है।
इस योजना से छोटे और मध्यम उद्योगों को वित्तीय सहूलियत और डिजिटल भुगतान में तेजी लाने की उम्मीद है।