खटीमा। ईद-ए-मिलादुन्नबी की 1500वीं जश्न-ए-सालाना को इंसानियत और ख़िदमत-ए-खल्क़ की थीम पर मनाने के लिए तंज़ीम उलेमा-ए-अहले सुन्नत, खटीमा ने सिलसिला-वार कार्यक्रमों का आग़ाज़ किया। इन्हीं अहम् कड़ियों में इतवार, 31 अगस्त को इस्लामनगर स्थित एक प्राइवेट बैक्वेंट हॉल में एक वसीअ निशुल्क तिब्बी कैम्प का इनइक़ाद किया गया। इसमें बरेली मंडल से तशरीफ़ लाए 25 माहिर डॉक्टरों ने शिरकत की और तक़रीबन 1500 मरीजों का मुफ़्त इलाज कर दवाइयाँ तक़सीम कीं।
इस मौके पर मौलाना इरफान-उल-हक़ क़ादरी ने ख़िताब करते हुए कहा कि यह कैम्प मज़हब और जात-पात से ऊपर उठकर सिर्फ़ इंसानियत की ख़िदमत के लिए है। उन्होंने तज़किरा किया कि हुज़ूर-ए-अकरम ﷺ का सबसे बड़ा पैग़ाम इंसानियत और ख़िदमत-ए-खल्क़ है, इसी लिए यह सालगिरह महज़ इबादत तक महदूद नहीं, बल्कि सामाजिक ख़िदमात से वाबस्ता है।
कैम्प में तशरीफ़ लाए तमाम डॉक्टरों को फूलों और यादगारी तोहफ़ों से नवाज़ा गया। तंज़ीम की जानिब से एलान किया गया कि आगे चलकर 15 नादार बेटियों के सामूहिक निकाह, 15 गरीब ख़ानदानों को सालभर का राशन, 15 यतीम बच्चों की तालीम व तरबियत और नशे के ख़िलाफ़ जागरूकता मुहिम भी चलाई जाएगी, ताकि ईद-ए-मिलादुन्नबी की इस जश्न-ए-सालाना पर समाज को इंसानियत और परोपकार का पैग़ाम दिया जा सके।