शाहजहांपुर के जलालाबाद का नाम अब परशुरामपुरी हो गया है। गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए इस संबंध में आधिकारिक पत्र जारी कर दिया है।
केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने जताया आभार
नाम परिवर्तन की स्वीकृति मिलने पर केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लिया गया यह फैसला समूचे सनातन समाज के लिए गर्व का क्षण है।
प्रदेश सरकार ने भेजा था प्रस्ताव
प्रदेश सरकार पहले ही जलालाबाद का नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे चुकी थी। प्रमुख सचिव ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भेजकर इसे शीघ्र स्वीकृति देने का अनुरोध किया था। इसमें कहा गया था कि जलालाबाद भगवान परशुराम की जन्मस्थली है और यहां उनका प्राचीन मंदिर भी मौजूद है।
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मार्च 2018 और सितंबर 2023 में नगर पालिका परिषद की बोर्ड बैठक में नाम बदलने का प्रस्ताव पारित हुआ था।
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अप्रैल 2024 में शाहजहांपुर के डीएम ने इन प्रस्तावों को शासन को भेजकर अपनी संस्तुति भी दी थी।
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लंबे समय से चल रही थी मांग
भगवान परशुराम की जन्मभूमि होने के कारण इस नगर का नाम बदलकर परशुरामपुरी किए जाने की मांग वर्षों से उठती रही है। आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं।
जन्मस्थली घोषित हो चुकी है 2022 में
24 अप्रैल 2022 को प्रदेश सरकार ने इसे आधिकारिक तौर पर भगवान परशुराम की जन्मस्थली घोषित किया था। उस समय पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने मंदिर परिसर में इसकी घोषणा की थी और इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का भरोसा दिया था।
विकास कार्यों के लिए 30 करोड़ की मंजूरी
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मुख्यमंत्री संवर्धन योजना से मंदिर परिसर के सुंदरीकरण और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 19 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए।
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अमृत सरोवर योजना के तहत मंदिर से सटे 42 एकड़ तालाब की सफाई, घाट, सीढ़ियां, पाथवे और मंदिर तक चौड़ा मार्ग बनाने के लिए 11 करोड़ रुपये मंजूर किए गए।
इन योजनाओं के तहत निर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं।