नारायणपुर, 9 अगस्त 2025:
अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर नारायणपुर तिराहे स्थित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कीर्ति स्तंभ पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी एवं जिला सहकारी बैंक के संचालक दिनेश शुक्ला ने अन्य उत्तराधिकारियों और स्थानीय नागरिकों के साथ मिलकर देश के अमर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की।
‘करो या मरो’ का संदेश
श्रद्धांजलि सभा में संबोधित करते हुए दिनेश शुक्ला ने कहा कि 8 अगस्त 1942 को मुंबई के गोवालिया टैंक मैदान (वर्तमान अगस्त क्रांति मैदान) में कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में ‘भारत छोड़ो प्रस्ताव’ पारित किया गया था। इसी दिन महात्मा गांधी ने ऐतिहासिक नारा दिया—“करो या मरो”, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन को निर्णायक मोड़ दिया।
उन्होंने बताया कि 9 अगस्त को गांधी जी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल समेत कई बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन आंदोलन थमा नहीं। अरुणा आसफ अली ने तिरंगा फहराकर जन-आंदोलन को नई ऊर्जा दी, जबकि जयप्रकाश नारायण और राम मनोहर लोहिया ने भूमिगत रहकर इसका नेतृत्व जारी रखा।
आंदोलन की पृष्ठभूमि और बलिदान
शुक्ला ने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन की पृष्ठभूमि में क्रिप्स मिशन की विफलता और द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीयों की जबरन भागीदारी जैसी घटनाएं थीं, जिनसे देशभर में आक्रोश फैल गया था। महिलाओं, छात्रों, किसानों और मजदूरों ने इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
इस दौरान कनकलता बरुआ और कुशल कोंवर जैसे कई वीरों ने अपने प्राण न्योछावर किए। यह आंदोलन ब्रिटिश शासन को यह स्पष्ट संदेश देने में सफल रहा कि भारत में उनका राज अब अधिक दिनों का मेहमान है और यही भारत की आज़ादी की नींव बना।
कार्यक्रम में हुई सहभागिता
श्रद्धांजलि सभा में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। कार्यक्रम में पूर्व जिला महामंत्री किसान मोर्चा नारायण पाठक, उमेश पांडे, सुरेश शाही, अभय मिश्रा, कृष्ण चंद्र पाल, शैलेंद्र शर्मा, अखिलानंद तिवारी, राजेश तिवारी, शशिकांत शर्मा, दीपक मिश्रा, धर्मेंद्र शाही, कृष्ण कान्हा तिवारी, विपिन मिश्रा, शुभाशीष बिष्ट, इफ्तिखार मियां, रविकांत वर्मा सहित कई लोग उपस्थित रहे।
अंत में सभी ने राष्ट्रगान गाकर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।