किच्छा में एक झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज से युवक की मौत के मामले में करीब डेढ़ महीने बाद पुलिस ने आखिरकार केस दर्ज कर लिया है। मृतक के पिता मंगलसेन कश्यप की कई बार गुहार लगाने के बावजूद कार्रवाई नहीं हो सकी थी। अंततः एसएसपी के निर्देश पर मुकदमा दर्ज हुआ।
लक्ष्मी विहार, बंगाली कॉलोनी निवासी मंगलसेन कश्यप ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि 14 जून की सुबह उनके बेटे महेश पाल (33) को पेट दर्द की शिकायत हुई थी। उन्होंने उसे पास के डॉक्टर चरन सिंह को दिखाया। अल्ट्रासाउंड कराने के बाद डॉक्टर ने उसे भर्ती किया और शाम तक ठीक बताकर घर भेज दिया।
लेकिन रात करीब 9 बजे महेश अपने दोस्त प्रमोद के साथ दोबारा डॉक्टर के पास गया, जहां उसे इंजेक्शन लगाया गया और कुछ दवाएं दी गईं। दवाइयां लेने के बाद महेश अगली सुबह बेहोश मिला। परिजन तुरंत उसे रुद्रपुर के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मंगलसेन कश्यप का आरोप है कि चरन सिंह अपंजीकृत (झोलाछाप) डॉक्टर है और वह अवैध रूप से अस्पताल और मेडिकल स्टोर चला रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
डेढ़ महीने से इंसाफ की आस में भटकता रहा परिवार
मंगलसेन कश्यप ने बताया कि उनके तीन बेटे हैं और महेश की मौत के बाद वे लगातार पुलिस और प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगाते रहे, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। अंत में उन्होंने एसएसपी मणिकांत मिश्रा से मुलाकात की, तब जाकर कार्रवाई हुई।
महेश की तीन साल पहले शादी हुई थी और उसका दो साल का एक बेटा भी है। बेटे की असमय मौत से परिवार गहरे सदमे में है और अब उन्हें न्याय की उम्मीद जगी है।