भारत और अर्जेंटीना के बीच दोस्ती एक नए मुकाम पर पहुंच गई है। करीब 57 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने अर्जेंटीना की द्विपक्षीय यात्रा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब ब्यूनस आयर्स पहुंचे, तो अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने पीएम मोदी को गले लगाकर स्टेट वेलकम दिया। इस ऐतिहासिक मुलाकात के दौरान दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
रणनीतिक साझेदारी के 5 साल, रिश्तों को मिला नया आयाम
भारत और अर्जेंटीना अब व्यापार, रक्षा, दवा, ऊर्जा, खनन और दुर्लभ खनिजों जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे। पीएम मोदी और राष्ट्रपति मिलेई के बीच हुई व्यापक बातचीत में इस पर सहमति बनी। यह दौरा मोदी की पांच देशों की विदेश यात्रा का तीसरा चरण था। 2018 में पीएम मोदी जी-20 सम्मेलन के लिए अर्जेंटीना गए थे, लेकिन यह पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री द्विपक्षीय वार्ता के लिए अर्जेंटीना पहुंचा है।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता
बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत को मिले समर्थन के लिए राष्ट्रपति मिलेई का आभार जताया। इसके बाद मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि भारत और अर्जेंटीना राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष और रणनीतिक साझेदारी के 5 वर्ष पूरे होने पर हम जश्न मना रहे हैं। दोनों देशों ने हाल के वर्षों में आपसी संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति की है।
चीन पर निर्भरता घटेगी
इस दौरे के दौरान जो सबसे बड़ा रणनीतिक फायदा भारत को मिला, वो है चीन पर निर्भरता कम करने की दिशा में कदम। अर्जेंटीना से भारत को दवा, खेल और खासतौर पर दुर्लभ खनिजों के क्षेत्र में वैकल्पिक साझेदार मिला है। विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्वी) पेरियासामी कुमारन ने बताया कि पीएम मोदी ने साफ कहा कि भारत और अर्जेंटीना स्वाभाविक सहयोगी हैं और इस रिश्ते को और भी मज़बूत किया जाना चाहिए।
अर्जेंटीना के पास है खनिजों का खजाना
अर्जेंटीना लीथियम, तांबा और अन्य दुर्लभ खनिजों का बड़ा स्रोत है। भारत की स्वच्छ ऊर्जा और तकनीकी जरूरतों को पूरा करने में ये खनिज अहम भूमिका निभा सकते हैं। दोनों देशों ने ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई, जिसे भविष्य के सहयोग का मजबूत स्तंभ माना जा रहा है।