उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को खटीमा के नगरा तराई स्थित अपने खेत में खुद धान की रोपाई कर किसानों के श्रम और समर्पण को सम्मान दिया। इस दौरान उन्होंने अपने अनुभव सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा करते हुए किसानों को देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ और संस्कृति का वाहक बताया।
सीएम धामी ने लिखा, “खटीमा के नगरा तराई में अपने खेत में धान की रोपाई कर किसानों की कड़ी मेहनत, त्याग और समर्पण का अनुभव करके पुराने दिन ताजा हो गए। अन्नदाता केवल हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा के भी वाहक हैं।”
उन्होंने आगे बताया कि इस अवसर पर उत्तराखंड की पारंपरिक सांस्कृतिक विधा ‘हुड़किया बौल’ के माध्यम से भूमि के देवता भूमियां, वर्षा के देवता इंद्र, और छाया के देव मेघ की वंदना भी की गई।
राज्य के अन्नदाताओं ने सदैव इस पावन भूमि का अपने अथक परिश्रम से श्रृंगार किया है। अपनी जड़ों से लगाव स्वयं के अस्तित्व और व्यक्तित्व का बोध कराता है। pic.twitter.com/6fzKPy9y98
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 5, 2025
मुख्यमंत्री ने खेत में काम करते हुए कुछ तस्वीरें भी साझा कीं, जिनमें वे कीचड़ और पानी से भरे खेत में बैलों के साथ हल जोतते नजर आए। उनके हाथ में लाठी और बैलों की लगाम थी, और वे पूरी तरह से खेती की पारंपरिक प्रक्रिया में रमे हुए दिखे।