राजस्थान पुलिस की वर्दी पहनकर खुद को सब-इंस्पेक्टर बताने वाली और ‘लेडी सिंघम’ के नाम से सोशल मीडिया पर छाई रहने वाली मोना बुगालिया उर्फ मूली देवी को आखिरकार जयपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। फर्जी दस्तावेजों के जरिए पुलिस ट्रेनिंग लेने और अफसरों के साथ रील बनाने वाली मोना पिछले दो साल से फरार चल रही थी।
कैसे हुआ खुलासा?
जयपुर के शास्त्रीनगर थाना पुलिस ने गुरुवार, 3 जुलाई को सीकर जिले में एक मकान पर दबिश देकर मोना को गिरफ्तार किया, जहां वह स्टूडेंट बनकर छिपकर रह रही थी। गिरफ्तारी के बाद उसे जयपुर लाया गया और कोर्ट में पेश कर 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया।
फर्जी तरीके से बनी ‘SI’, बनाई अफसरों के साथ रील
मूल रूप से नागौर जिले के डीडवाना की रहने वाली मोना बुगालिया ने 2021 में SI भर्ती परीक्षा दी थी, लेकिन सेलेक्शन नहीं हुआ। इसके बाद उसने फर्जी नाम ‘मूली देवी’ रखकर जाली दस्तावेज बनाए और राजस्थान पुलिस अकादमी (RPA) में सब-इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग करने लगी।
इतना ही नहीं, उसने IPS और RPS रैंक के अधिकारियों के साथ वर्दी में रील बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दीं। ट्रेनिंग के दौरान वह वर्दी पहनकर खुद को पुलिस अफसर बताकर लोगों पर रौब झाड़ती थी।
कैसे हुई पोल खुली?
RPA में एंट्री के लिए पहचान पत्र जरूरी होता है, लेकिन मोना सीधे अधिकारियों से मेलजोल का फायदा उठाकर VIP गेट से एंट्री लेती थी। वर्ष 2023 में उसकी असलियत तब उजागर हुई जब उसने एक महिला कांस्टेबल को वॉट्सऐप कॉल पर धमकी दी।
जब मामले की जांच हुई तो पता चला कि ‘मूली देवी’ नाम की कोई भी उम्मीदवार RPA में चयनित नहीं हुई थी। रिकॉर्ड खंगालने पर पूरा मामला खुल गया और सामने आया कि ‘मूली देवी’ असल में मोना बुगालिया ही है।
दो साल से थी फरार
भंडाफोड़ होते ही मोना फरार हो गई थी। लेकिन पुलिस लगातार उसकी तलाश में लगी थी और अब दो साल बाद उसे सीकर से गिरफ्तार कर लिया गया। मामले में और भी कई खुलासे हो सकते हैं, क्योंकि मोना ने लंबे समय तक खुद को पुलिस अधिकारी बताकर सरकारी सिस्टम को गुमराह किया।