मुजफ्फरनगर के किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कांवड़ यात्रा के दौरान होने वाले शोर-शराबे और अव्यवस्थित माहौल पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने डीजे कांवड़ और डाक कांवड़ पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
“श्रद्धा बनी रहे, तो अनुशासन जरूरी”
टिकैत ने कहा कि “कांवड़ यात्रा एक धार्मिक परंपरा है, जिसमें अनुशासन और श्रद्धा का भाव होना चाहिए।” लेकिन अब डाक कांवड़ की तेज रफ्तार और चमकदार लाइटों से सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है, जिससे आम लोगों को भारी असुविधा होती है।
ऊंची कांवड़ और तेज संगीत पर भी सवाल
उन्होंने उन कांवड़ियों पर भी सवाल उठाए जो बेहद ऊंची कांवड़ लेकर चलते हैं और रास्ते में तेज आवाज में गाने बजाते हैं। टिकैत ने इसे यात्रा की परंपरा और मर्यादा के खिलाफ बताया।
प्रशासन से की सख्ती की मांग
नरेश टिकैत ने स्थानीय प्रशासन और आयोजन समितियों से अपील की है कि ऐसे मामलों पर सख्ती से रोक लगाई जाए और यात्रा को पूरी तरह श्रद्धा और संयम के साथ सम्पन्न कराया जाए।
फिर छिड़ी बहस
टिकैत के इस बयान के बाद कांवड़ यात्रा में डीजे और डाक कांवड़ को लेकर नया विवाद और बहस एक बार फिर तेज हो गई है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस दिशा में क्या कदम उठाता है।