लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक बार फिर साफ संदेश दिया है कि सरकारी योजनाओं में लापरवाही अब किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस बार कार्रवाई की गाज प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 से जुड़े परती भूमि विकास विभाग के चार परियोजना प्रबंधकों और तीन अवर अभियंताओं पर गिरी है। सभी को कार्य में लापरवाही के चलते प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।
सीएम ने दिए थे सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर निर्देश दिया कि जो अफसर चेतावनी के बाद भी सुधार नहीं करते, उनके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं। इसी के तहत हाल ही में एक समीक्षा बैठक में सात अधिकारियों की लापरवाही सामने आने पर यह कार्रवाई की गई।
समीक्षा में सामने आई अनियमितताएं
राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी के सीईओ जीएस नवीन के मुताबिक, हाल ही में हुई एक समीक्षा बैठक में अधिकारियों से पिछले 5 वर्षों के कार्यों का लेखा-जोखा और वर्तमान वित्तीय वर्ष की योजना प्रस्तुत करने को कहा गया। लेकिन चार परियोजना प्रबंधक और तीन अवर अभियंता इस जानकारी को देने में असमर्थ रहे। उन्होंने कोई स्पष्ट विवरण नहीं दिया, जिससे उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए।
किन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई?
प्रदर्शन खराब पाए जाने पर जिन अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई, उनके नाम निम्नलिखित हैं:
परियोजना प्रबंधक:
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सुरेंद्र प्रताप सिंह – प्रयागराज
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संजय कुमार – महोबा
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देवेंद्र सिंह निरंजन – चित्रकूट (कर्वी-2)
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चमन सिंह – प्रतापगढ़
अवर अभियंता:
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विश्वजीत यादव – प्रयागराज
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दिनकर – प्रतापगढ़ (प्रथम भूमि संरक्षण अधिकारी कार्यालय)
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आशीष कुमार यादव
योगी सरकार का संदेश: काम नहीं तो कुर्सी नहीं
सरकार ने यह साफ कर दिया है कि किसी भी अधिकारी की लापरवाही अब उनके करियर पर भारी पड़ सकती है। विभागीय योजनाओं की प्रगति में ढिलाई, जवाबदेही से बचने और समय पर रिपोर्ट न देने वाले अधिकारियों को भविष्य में और भी सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।