ईरान और इजरायल के बीच पिछले 12 दिनों से जारी सैन्य संघर्ष आखिरकार थम गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को संघर्ष विराम की घोषणा की, जिसके कुछ घंटे पहले ही ईरान ने कतर और इराक में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों को मिसाइलों से निशाना बनाया था। इसके बाद भारत में ईरानी राजदूत डॉ. इराज इलाही ने इस हमले को “ऐतिहासिक और अभूतपूर्व” बताया।
“अमेरिका को फिर मिलेगा जवाब” – ईरानी राजदूत
इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में डॉ. इराज इलाही ने साफ कहा कि ईरान को पहले से आशंका थी कि अमेरिका, इजरायल के पक्ष में संघर्ष में कूद सकता है। इसी आशंका को ध्यान में रखते हुए ईरान ने पहले से तैयारी कर रखी थी।
उन्होंने कहा,
“इतिहास में पहली बार किसी देश ने अमेरिकी सैन्य ठिकानों को खुले तौर पर निशाना बनाया है और ईरान ने यह करके दिखाया। भले ही इसे प्रतीकात्मक प्रतिक्रिया कहा जाए, लेकिन अगर अमेरिका ने दोबारा ऐसी कोई कार्रवाई की, तो उसे वैसा ही जवाब मिलेगा।”
ईरान ने अमेरिकी हमलों के जवाब में दागीं मिसाइलें
ईरान ने सोमवार को कतर और इराक में स्थित अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइल हमले किए थे। हालांकि अमेरिकी सुरक्षा प्रणाली ने अधिकतर मिसाइलों को बीच में ही रोक लिया और बड़ा नुकसान नहीं हुआ। ईरान का यह जवाबी हमला, रविवार सुबह अमेरिका द्वारा उसके तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों – फोर्डो, नतांज और इस्फहान – पर किए गए हवाई हमलों के प्रतिशोध स्वरूप था। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया था कि इन हमलों में ईरान के तीनों परमाणु केंद्र पूरी तरह तबाह हो गए।
इजरायल को दी चेतावनी, नेतन्याहू को बताया ‘गैरभरोसेमंद’
संघर्ष विराम की घोषणा के बाद भी ईरान ने इजरायल को चेतावनी दी है। भारतीय मीडिया से बात करते हुए ईरानी राजदूत ने कहा कि उनका देश इजरायल की किसी भी भविष्य की कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को “गैरभरोसेमंद और अमानवीय” बताया।
“नेतन्याहू ने ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करते हुए आवासीय इलाकों, अस्पतालों और एंबुलेंस तक को निशाना बनाया। उन्होंने न अंतरराष्ट्रीय कानूनों की परवाह की और न ही मानवीय मूल्यों की।”