इस्लामाबाद – ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच अब पाकिस्तान भी ईरान के समर्थन में आ गया है। चीन और रूस के बाद पाकिस्तान तीसरा बड़ा देश बन गया है जिसने इजरायल के हमले की कड़ी आलोचना की है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन से फोन पर बात कर पाकिस्तान की एकजुटता जाहिर की और इजरायल के हमलों को “उकसावे वाले” और “अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ” बताया।
शरीफ ने शनिवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “आज मैंने ईरान के राष्ट्रपति से बात की और इजरायल के बेवजह हमलों के खिलाफ ईरानी जनता के साथ पाकिस्तान की अटूट एकजुटता व्यक्त की।” उन्होंने कहा कि इजरायल का हमला न सिर्फ ईरान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है, बल्कि यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का भी खुला अपमान है।
ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर इजरायल द्वारा शुक्रवार से किए गए हमलों में कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक मारे गए हैं। जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इजरायल के प्रमुख शहर तेल अवीव पर मिसाइलें दागीं हैं।
प्रधानमंत्री शरीफ ने यह भी दोहराया कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत ईरान को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है। उन्होंने चेतावनी दी कि इजरायली हमले क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा हैं।
रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, शरीफ ने फिलिस्तीन के खिलाफ चल रहे इजरायली ‘नरसंहार’ अभियान की भी तीखी निंदा की और मुस्लिम देशों से एकजुट होकर इसका विरोध करने की अपील की।