गुरुवार दोपहर एक बड़ा विमान हादसा देश को झकझोर गया। अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद एयर इंडिया की लंदन जा रही फ्लाइट AI-171 क्रैश हो गई। इस भीषण हादसे में 241 लोगों की जान चली गई जबकि एक शख्स चमत्कारिक रूप से बच गया।
इस फ्लाइट में एयर इंडिया की 23 वर्षीय क्रू मेंबर मैथिली पाटिल भी सवार थीं, जिन्होंने उड़ान से ठीक पहले अपने पिता मोरेश्वर पाटिल से वादा किया था कि लंदन पहुंचकर कॉल करेंगी। लेकिन यह कॉल ही उनकी जिंदगी की आखिरी कॉल साबित हुई।
मैथिली महाराष्ट्र के न्हावा गांव की रहने वाली थीं और दो साल पहले ही एयर इंडिया से जुड़ी थीं। वह ओएनजीसी में ठेकेदारी करने वाले एक मजदूर की बेटी थीं। उनके रिश्तेदार और गांव के पूर्व सरपंच जितेंद्र म्हात्रे ने यह जानकारी दी।
हादसे में विमान के दोनों पायलट – कैप्टन सुमित सभरवाल और क्लाइव कुंदर – भी मारे गए। कैप्टन सभरवाल मुंबई के पवई इलाके में अपने वृद्ध माता-पिता के साथ रहते थे, वहीं कुंदर भी मुंबई के उपनगर से थे।
क्रू मेंबर दीपक पाठक बदलापुर (ठाणे) के निवासी थे, जिन्होंने लंदन रवाना होने से पहले अपनी मां से बात की थी। वह 11 वर्षों से एयर इंडिया में कार्यरत थे।
43 वर्षीय अपर्णा महादिक, जो गोरेगांव की रहने वाली थीं, भी इस फ्लाइट में थीं। उनके पति भी एयर इंडिया में कार्यरत हैं। अपर्णा एनसीपी नेता सुनील तटकरे की रिश्तेदार थीं।
22 वर्षीय इरफान शेख, जो हाल ही में इस इंडस्ट्री में शामिल हुए थे, इस हादसे में अपने सपनों के साथ दुनिया छोड़ गए। श्रद्धा धवन, जो मुंबई के मुलुंड इलाके में रहती थीं, की मौत की खबर सुनते ही उनके आवासीय परिसर में मातम पसर गया।
डोंबिवली की रोशनी सोंघरे और जुहू की सैनीता चक्रवर्ती भी क्रू में शामिल थीं। रोशनी एक ट्रैवल इन्फ्लुएंसर थीं, जिनके इंस्टाग्राम पर 54 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स थे।
यात्रियों में सोलापुर जिले के सांगोला के हटीद गांव से ताल्लुक रखने वाले महादेव पवार (68) और उनकी पत्नी आशा (60) भी थे। वे गुजरात में बस चुके थे और लंदन अपने बेटे से मिलने जा रहे थे।
एक अन्य यात्री यशा कामदार मोधा (32) नागपुर की रहने वाली थीं। वह अपने बेटे रुद्र और सास रक्षाबेन के साथ यात्रा कर रही थीं। दुर्भाग्यवश, इस हादसे में तीनों की जान चली गई।
यह विमान हादसा एक मेडिकल कॉलेज के परिसर में हुआ, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। फ्लाइट में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से सिर्फ एक ही व्यक्ति जीवित बच पाया।