नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) की बैठक में रेलवे से जुड़े दो अहम मल्टीट्रैकिंग प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी मिल गई है। इस फैसले से देश के रेलवे नेटवर्क को मजबूती मिलने के साथ ही रोजगार और आर्थिक विकास को भी नई गति मिलेगी।
किन रूटों पर होगा काम?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि दो महत्वपूर्ण रूटों पर सिंगल लाइन की जगह अब डबल लाइन बिछाई जाएगी:
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कोडरमा-बरकाकाना सेक्शन (133 किलोमीटर) – यह प्रोजेक्ट झारखंड राज्य में स्थित है।
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बल्लारी-चिकजाजुर सेक्शन (185 किलोमीटर) – यह रूट कर्नाटक और आंध्र प्रदेश को जोड़ता है।
डबल लाइनिंग से ट्रेनों की आवाजाही में तेजी आएगी और माल परिवहन भी अधिक सुगम हो सकेगा।
कितनी लागत आएगी?
इन दोनों प्रोजेक्ट्स पर कुल ₹6,405 करोड़ का खर्च अनुमानित है।
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कोडरमा–बरकाकाना परियोजना की अनुमानित समाप्ति अवधि 4 साल (2025–2029) तय की गई है।
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बल्लारी–चिकजाजुर प्रोजेक्ट की अवधि 5 साल (2025–2030) होगी और जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी।
क्या मिलेंगी रोजगार की संभावनाएं?
इन परियोजनाओं से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा:
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प्रत्यक्ष रोजगार:
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सिविल, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियर
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साइट सुपरवाइजर, ट्रैक और टनल तकनीशियन
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निर्माण श्रमिक
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अप्रत्यक्ष रोजगार:
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स्थानीय लेबर, ट्रांसपोर्टर, निर्माण सामग्री सप्लायर्स
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आसपास के किराना व्यापारी, होटल व्यवसायी और अन्य छोटे उद्योगों को भी मिलेगा लाभ
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पर्यावरण की दृष्टि से भी फायदेमंद
इन प्रोजेक्ट्स को ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर मानकों के अनुसार विकसित किया जाएगा। इसके अंतर्गत पूरी तरह इलेक्ट्रिफाइड लाइनें बिछाई जाएंगी, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी लाई जा सकेगी।