Thursday, October 23, 2025
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उत्तराखंड को 1200 करोड़ का राहत पैकेज, नेताओं ने क्या कहा?

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देहरादून, 12 सितंबर 2025 Today News 9 

उत्तराखंड में हाल की भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं से हुए भारी नुकसान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देहरादून में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान 1200 करोड़ रुपये के तत्कालिक राहत पैकेज की घोषणा की। इस पैकेज में मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये, घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि और अनाथ बच्चों के लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत दीर्घकालिक सहायता शामिल है। पीएम मोदी ने प्रभावितों से मुलाकात की और केंद्र सरकार की ओर से पुनर्निर्माण के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। इस घोषणा पर सत्ताधारी और विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रियाएं तीखी और विभाजनकारी रही हैं।

पैकेज की मुख्य बातें

  • वित्तीय सहायता: 1200 करोड़ रुपये का तत्कालिक राहत पैकेज, जिसमें मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता शामिल।
  • पुनर्निर्माण: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत क्षतिग्रस्त घरों का पुनर्निर्माण, सड़कों, स्कूलों और राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत के लिए केंद्र का समर्थन।
  • सड़क मरम्मत: लोक निर्माण विभाग को 457 करोड़ रुपये, जबकि राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए एनएचएआई अलग से बजट देगा।
  • आकलन: केंद्रीय अंतर-मंत्रालयी टीमें नुकसान का विस्तृत आकलन कर रही हैं, जिसके आधार पर अतिरिक्त सहायता दी जाएगी।
  • आपदा का प्रभाव: 1 अप्रैल से 31 अगस्त 2025 तक 79 लोगों की मौत, 115 घायल, 90 लापता, 3953 पशुओं की मृत्यु, 238 पक्के मकान पूरी तरह ध्वस्त, और हजारों मकान क्षतिग्रस्त।

सत्ताधारी नेताओं की प्रतिक्रिया

सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सहयोगी नेताओं ने इस पैकेज को त्वरित और संवेदनशील कदम बताते हुए केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग की सराहना की।

  • पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड: “प्रधानमंत्री जी का उत्तराखंड आना और 1200 करोड़ रुपये का राहत पैकेज देना उनकी संवेदनशीलता और नेतृत्व का प्रमाण है। यह पैकेज प्रभावित परिवारों के पुनर्वास में मददगार होगा। केंद्र-राज्य की यह साझेदारी आपदा प्रबंधन का नया मॉडल है।”
  • त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री: “केंद्र और राज्य सरकार हर प्रभावित के साथ खड़ी है। 1200 करोड़ का पैकेज, अनुग्रह राशि और पीएम केयर्स योजना के तहत अनाथ बच्चों की मदद सराहनीय है।”
  • रीतु खंडूरी भूषण, विधानसभा स्पीकर: “प्रधानमंत्री की यह घोषणा उत्तराखंड के लिए बड़ा संबल है। प्रभावितों को तत्काल राहत और दीर्घकालिक मदद मिलेगी।”
  • भाजपा उत्तराखंड (आधिकारिक): “यह पैकेज जनकल्याण और सुशासन की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के प्रयासों ने आपदा प्रबंधन को मजबूत किया है।”
राजीव भवन, देहरादून में उत्तराखंड के धराली, थराली, कपकोट, पाबो सहित आदि क्षेत्रों में आई आपदा व अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर प्रेस कान्फ्रन्स की गई

विपक्ष का तीखा हमला

विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, यूकेडी और सीपीआई(एमएल) ने पैकेज को नाकافی बताते हुए केंद्र सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। कई नेताओं ने 2013 की केदारनाथ त्रासदी से तुलना कर अधिक सहायता की मांग की।

  • हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस: “1200 करोड़ का पैकेज ऊंट के मुंह में जीरे जैसा है। 2013 में मनमोहन सिंह सरकार ने 21,000 करोड़ रुपये दिए थे। आज नुकसान का दायरा बड़ा है, फिर भी केंद्र ने सौतेला व्यवहार किया। हमने 12,000 करोड़ की मांग की थी।”
  • कर्ण माहरा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष: “उत्तराखंड को 20,000 करोड़ रुपये चाहिए। धामी सरकार ने केवल 5702 करोड़ मांगे, जो जोशीमठ जैसे क्षेत्रों के लिए भी कम है। यह राष्ट्रीय आपदा घोषित होनी चाहिए।”
  • सूर्यकांत धस्माना, कांग्रेस उपाध्यक्ष: “2013 की तुलना में यह पैकेज उत्तराखंड के प्रति केंद्र की उदासीनता दर्शाता है। यह राशि नुकसान के सामने नगण्य है।”
  • ज्योति रौतेला, कांग्रेस नेता: “1200 करोड़ का पैकेज धोखा है। उत्तराखंड को और अधिक मदद चाहिए।”
  • इंद्रेश मैखुरी, सीपीआई(एमएल) लिबरेशन: “प्रधानमंत्री का दौरा और पैकेज महज प्रचार है। प्रभावितों की आवाज़ को क्यों दबाया गया? यह पैकेज नुकसान के सामने अपर्याप्त है।”

आपदा की स्थिति

उत्तराखंड में इस साल अप्रैल से अगस्त तक भारी बारिश और भूस्खलन ने उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जैसे जिलों को सबसे अधिक प्रभावित किया। लोक निर्माण विभाग को 1163.84 करोड़, सिंचाई विभाग को 266.65 करोड़ और ऊर्जा विभाग को 123.17 करोड़ का नुकसान हुआ। कुल 15,535 किमी सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं, और राष्ट्रीय राजमार्गों को 2000 करोड़ का नुकसान हुआ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्रीय टीमें नुकसान का विस्तृत आकलन कर रही हैं, जिसके आधार पर और सहायता दी जाएगी। प्रधानमंत्री आवास योजना और अन्य योजनाओं के तहत दीर्घकालिक पुनर्निर्माण पर जोर दिया गया। खराब मौसम के कारण पीएम का हवाई सर्वेक्षण रद्द हुआ, लेकिन प्रजेंटेशन और प्रभावितों से मुलाकात के जरिए स्थिति का जायजा लिया गया।

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