देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में 45 दिन तक चलने वाले विशेष जन संपर्क अभियान की शुरुआत की है। इस पहल के तहत कैबिनेट मंत्री अलग-अलग जिलों में कैंप लगाकर जनता के बीच मौजूद रहेंगे और सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार एवं क्रियान्वयन की जिम्मेदारी निभाएंगे। इस कार्यक्रम को सरकार ने “जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वारा” नाम दिया है।

शासन स्तर से आदेश जारी किए गए हैं, जिसमें मंत्रियों को उनके विभागीय कार्यों के साथ-साथ अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। आदेश के अनुसार:
-
वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज हरिद्वार और टिहरी जिलों में अभियान की अगुवाई करेंगे।
-
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी उधम सिंह नगर और उत्तरकाशी जिलों में योजनाओं का क्रियान्वयन देखेंगे।
-
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत अल्मोड़ा और चमोली जिलों में जनता के साथ संवाद करेंगे।
-
वन मंत्री सुबोध उनियाल देहरादून और पौड़ी जिलों में योजनाओं का फीडबैक लेंगे।
-
महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य नैनीताल, चंपावत और पिथौरागढ़ जिलों में सक्रिय रहेंगी।
-
कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा रुद्रप्रयाग और बागेश्वर में योजनाओं को धरातल पर लागू करेंगे।
मुख्यमंत्री धामी के निर्देश का उद्देश्य यह है कि मंत्रियों की उपस्थिति केवल अपने विधानसभा क्षेत्रों तक सीमित न रहे, बल्कि दूरदराज के जिलों में भी योजनाओं के क्रियान्वयन और जनता की समस्याओं का वास्तविक आकलन हो सके।
इस अभियान के दौरान मंत्री आवंटित जिलों में कैंप लगाएंगे, लोगों की समस्याएं सुनेंगे और योजनाओं से वंचित पात्र लोगों को लाभ दिलाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगे। हालांकि आदेश में प्रत्येक जिले में कितने दिन कैंप अनिवार्य होंगे, यह स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन अभियान के अंत में मंत्रियों से उनके कार्यों का फीडबैक लिया जाएगा।
इस पहल से सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि मंत्रियों को अब जमीनी स्तर पर सक्रिय होकर जनता के बीच योजनाओं का प्रभाव सुनिश्चित करना होगा और शासन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही को मजबूत किया जाएगा।





