उत्तराखंड के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में अब फैकल्टी की कमी बड़ी बाधा नहीं बनेगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से चयनित 140 असिस्टेंट प्रोफेसरों को प्रदेश के विभिन्न राजकीय मेडिकल कॉलेजों में प्रथम तैनाती दे दी गई है। इन तैनातियों के प्रस्ताव को चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्वीकृति प्रदान की है।

सरकार के इस निर्णय से मेडिकल कॉलेजों में शैक्षणिक वातावरण को मजबूती मिलेगी और शिक्षण, प्रशिक्षण तथा शोध कार्यों को नई गति प्राप्त होगी। साथ ही, मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में भी स्वास्थ्य सेवाएं पहले से अधिक सुदृढ़ होंगी।
प्रदेश सरकार चिकित्सा शिक्षा को उच्च मानकों के अनुरूप विकसित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में जहां आधुनिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं, वहीं विशेषज्ञ और अनुभवी फैकल्टी की नियुक्ति पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है।
चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों की तैनाती विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में की गई है। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में 41, राजकीय मेडिकल कॉलेज हरिद्वार में 12, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में 33, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में 24, रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज में 2 और अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में 28 असिस्टेंट प्रोफेसरों को नियुक्त किया गया है।
विभिन्न संकायों में की गई इन नियुक्तियों में एनेस्थीसिया में 15, कम्युनिटी मेडिसिन और पैथोलॉजी में 12-12, माइक्रोबायोलॉजी और ऑर्थोपेडिक्स में 9-9, ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनी में 8, एनाटॉमी और पीडियाट्रिक्स में 7-7, वहीं जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, रेस्पिरेटरी मेडिसिन और फार्माकोलॉजी में 5-5 असिस्टेंट प्रोफेसरों की तैनाती की गई है। इसके अलावा अन्य संकायों में भी आवश्यकता के अनुसार नियुक्तियां की गई हैं।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा को बेहतर और आधुनिक बनाने के लिए राज्य सरकार निरंतर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि 140 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नई तैनाती से न केवल मेडिकल छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी, बल्कि शोध और प्रशिक्षण कार्यों में भी उल्लेखनीय सुधार होगा। साथ ही, मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।





