Sunday, December 21, 2025
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नक्शा पास नहीं, निर्माण बंद: डोईवाला में बिना नक्शा पास कराए बन रही जामा मस्जिद सील, एमडीडीए ने लिया एक्शन

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डोईवाला (देहरादून)। देहरादून जिले के डोईवाला क्षेत्र में मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने अवैध निर्माण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए बिना अनुमति और मानचित्र स्वीकृति के संचालित इन्तजामिया कमेटी जामा मस्जिद को सील कर दिया है। यह कार्रवाई भारी पुलिस बल की मौजूदगी में की गई।

एमडीडीए के अनुसार, यह मामला ग्राम कण्डोगल, कुड़ियाल गांव, थानों तहसील डोईवाला का है, जहां पूर्व में निर्मित एक आवासीय भवन के प्रथम और द्वितीय तल पर बिना किसी वैधानिक अनुमति के मस्जिद का संचालन किया जा रहा था। जांच में पाया गया कि लगभग 20×40 फीट क्षेत्रफल में निर्माण बिना स्वीकृत नक्शे और अनुमति के किया गया है।

प्राधिकरण ने इस प्रकरण में 21 नवंबर 2024 को उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास अधिनियम, 1973 के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए निर्माण एवं संचालन पर रोक लगाई थी। हालांकि, इन्तजामिया कमेटी जामा मस्जिद की ओर से नोटिस का कोई संतोषजनक जवाब या आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए।

सुनवाई के लिए निर्धारित तिथियों पर भी विपक्षी पक्ष द्वारा कोई वैध प्रतिउत्तर नहीं दिया गया। अभियंताओं की आख्या में यह भी स्पष्ट किया गया कि उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद, देहरादून के अनुसार थानो न्याय पंचायत क्षेत्र में कोई भी मदरसा पंजीकृत या मान्यता प्राप्त नहीं है। वहीं उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने भी संबंधित क्षेत्र में किसी मस्जिद के वक्फ अभिलेखों में दर्ज न होने की पुष्टि की है।

एमडीडीए का कहना है कि मस्जिद कमेटी द्वारा आज तक कोई शमन मानचित्र प्रस्तुत नहीं किया गया और बार-बार शिकायतें मिलने के बावजूद मामले को जानबूझकर लंबित रखा गया। उपलब्ध अभिलेखों, तकनीकी आख्या और अधिनियम की धाराओं के तहत प्राधिकरण ने अवैध निर्माण को सील करने का आदेश पारित किया, जिसे आज अमल में लाया गया।

एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि प्राधिकरण क्षेत्र में बिना स्वीकृति किए गए किसी भी निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी पक्षों को सुनवाई का पूरा अवसर दिया गया, लेकिन नियमों का पालन नहीं किया गया। शहर के सुनियोजित विकास और सुरक्षा के लिए ऐसी कार्रवाई आवश्यक है और आगे भी अभियान जारी रहेगा।

वहीं एमडीडीए सचिव मोहन सिंह बर्निया ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास अधिनियम के तहत सभी तकनीकी रिपोर्ट और अभिलेखों के आधार पर की गई है। नियमों के उल्लंघन पर भविष्य में भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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