देहरादून: उत्तराखंड में डेमोग्राफिक बदलाव (जनसांख्यिकीय परिवर्तन) का मुद्दा एक बार फिर गरमाने लगा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जो पहले भी इस विषय पर चिंता जता चुके हैं, ने अब शिकायतें मिलने के बाद तत्काल सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। शिकायतों में दावा किया गया है कि राज्य में बाहरी लोग गलत तथ्यों के आधार पर फर्जी दस्तावेज तैयार करवा रहे हैं, जिनमें परिवार रजिस्टर में नाम जुड़वाना, राशन कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेज बनवाना शामिल है।
मुख्यमंत्री कार्यालय एक्शन मोड में
मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल पर लगातार ऐसी शिकायतें सामने आने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय अलर्ट मोड में आ गया है। शासन ने सभी जिलाधिकारियों को सत्यापन अभियान तेज करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, प्रत्येक शिकायत की गहराई से जांच कराने और रिपोर्ट तलब करने के आदेश जारी किए गए हैं।
जानकारी के अनुसार, इन मामलों में ग्राम प्रधानों से लेकर ब्लॉक और तहसील स्तर के अधिकारियों को भी जांच के दायरे में लिया गया है। शासन ने सभी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है ताकि जिम्मेदारी तय की जा सके।
गलत दस्तावेज वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री के विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते ने बताया कि जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में दस्तावेजों का सघन सत्यापन अभियान चलाएं।
यदि किसी व्यक्ति द्वारा गलत सूचना या फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड, राशन कार्ड या अन्य प्रमाणपत्र तैयार किए जाने की बात सामने आती है, तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सरकार सख्त, रिपोर्ट के बाद होंगे और बड़े कदम
शासन का मानना है कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए राज्य में स्थायी निवास स्थापित करने की कोशिश न केवल प्रशासनिक दृष्टि से गंभीर अपराध है, बल्कि इससे प्रदेश का सामाजिक संतुलन भी प्रभावित हो सकता है।
इसी कारण सरकार ने सभी जिलों में व्यापक सत्यापन अभियान चलाने का निर्णय लिया है। आने वाले दिनों में, प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर सरकार और कठोर कदम उठाने की तैयारी में है।