तेहरान: ईरान और अमेरिका के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ईरान की ओर से दोबारा जान से मारने की धमकी मिली है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी और वरिष्ठ राजनीतिक शख्सियत जावेद लारीजानी ने चेतावनी दी है कि अब ट्रंप फ्लोरिडा स्थित अपने आलीशान निवास मारा-ए-लागो में भी सुरक्षित नहीं हैं।
परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद आई धमकी
यह धमकी ऐसे समय आई है जब हाल ही में अमेरिका ने इजरायल के अनुरोध पर ईरान के तीन प्रमुख परमाणु संयंत्रों पर हमला किया है। अमेरिकी बी-2 बमवर्षक विमानों ने बंकर बस्टर बम गिराए, जिससे इन ठिकानों को गंभीर क्षति पहुंची है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हमले से ईरान का परमाणु कार्यक्रम कम से कम पांच साल पीछे चला गया है।
“धूप में लेटे ट्रंप पर ड्रोन गिराना आसान”
ईरानी चैनल को दिए एक इंटरव्यू में जावेद लारीजानी ने कहा, “ट्रंप ने खुद को निशाना बना लिया है। अब वह मारा-ए-लागो के सूरज के नीचे आराम से नहीं लेट सकते। जब वह धूप में पेट के बल लेटे होंगे, तो एक छोटा ड्रोन उन पर कभी भी गिर सकता है। यह कोई मुश्किल काम नहीं है।”
क्राउडफंडिंग से जुटाई जा रही है इनाम की राशि
ट्रंप के खिलाफ यह बयान उस समय आया है जब ‘ब्लड पैक्ट’ नाम के एक क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म पर ट्रंप की हत्या के लिए इनाम की रकम जुटाई जा रही है। फारसी में इसे ‘अहदे खून’ कहा गया है। इस साइट का मकसद है– “खामेनेई का अपमान करने वालों से बदला लेना।” 7 जुलाई तक इस प्लेटफॉर्म पर 2 करोड़ डॉलर से अधिक की राशि जुटाई जा चुकी थी, जो अब बढ़कर 2.7 करोड़ डॉलर हो गई है। लक्ष्य है कि इनाम की रकम 10 करोड़ डॉलर तक पहुंचाई जाए।
“ईश्वर के दुश्मनों को मिलेगी सजा”
इस वेबसाइट पर एक संदेश में कहा गया है, “जो कोई भी अली खामेनेई की जान को खतरे में डालने वालों को न्याय के कटघरे में लाएगा, उसे इनाम मिलेगा।”
सुलेमानी की हत्या से भड़का ईरान
गौरतलब है कि 2020 में अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी। इस हमले की मंजूरी खुद डोनाल्ड ट्रंप ने दी थी, जिसके बाद से ईरान की ओर से ट्रंप को लगातार हत्या की धमकियां दी जाती रही हैं। अमेरिकी एजेंसियों ने पहले ही अलर्ट किया है कि ईरानी सेना का एक खास संगठन IRGC, ट्रंप की हत्या की साजिश रच रहा है।
तनाव बढ़ने की आशंका
अमेरिका और ईरान के बीच लगातार बढ़ते इस टकराव से अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता गहरा गई है। कूटनीतिक गलियारों में आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच टकराव और गंभीर हो सकता है।