मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यकाल के पांचवें साल में उत्तराखंड की कर वसूली व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। राज्य कर विभाग अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से कर संग्रह को और अधिक पारदर्शी व सटीक बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके लिए 12 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को शासन से सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है।
एसजीएसटी और वैट दोनों करों पर फोकस
AI के इस्तेमाल से न केवल SGST (राज्य वस्तु एवं सेवा कर) बल्कि वैट (मूल्य वर्धित कर) वसूली में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है। कर विभाग के अपर आयुक्त आईएस बृजवाल के अनुसार, मुख्यमंत्री के निर्देश पर कर संग्रह प्रणाली को और मजबूत करने की दिशा में काम किया जा रहा है। तकनीक के पहले से उपयोग के बावजूद अब AI जैसी उन्नत तकनीक से इस प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
पहले तीन महीनों में कर संग्रह के अच्छे संकेत
वित्तीय वर्ष 2025-26 की शुरुआत के तीन महीनों में ही कर संग्रह के सकारात्मक परिणाम मिले हैं।
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SGST में अब तक 2,457 करोड़ रुपये का संग्रह हो चुका है, जो सालाना लक्ष्य का 22% है।
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VAT से 658 करोड़ रुपये वसूले गए हैं, जो तय लक्ष्य का 26% है।
कुल मिलाकर, दोनों प्रमुख करों में राज्य ने 23% कर संग्रह पहले ही हासिल कर लिया है।
13,722 करोड़ रुपये का सालाना लक्ष्य
राज्य कर विभाग ने इस वर्ष के लिए 13,722 करोड़ रुपये का कर संग्रह लक्ष्य रखा है, जिसमें
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11,221 करोड़ रुपये SGST और
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2,501 करोड़ रुपये VAT से एकत्र करने का टारगेट है।
पिछले वित्तीय वर्ष में विभाग ने 12,703 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 93% कर संग्रह किया था, जबकि VAT वसूली 102% रही थी।
मुख्यमंत्री ने जताया भरोसा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि,
“राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए कर संग्रह प्रणाली को आधुनिक और पारदर्शी बनाया जा रहा है। हमारा उद्देश्य है कि टैक्स से प्राप्त हर एक पैसा जनहित के कार्यों में लगाया जाए।”